केंद्रीय मत्स्य पालन,पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने 6 मई 2022 को नई दिल्ली में प्रोजेक्ट अर्थ और इनेक्टस आईआईटी दिल्ली के छात्रों को राष्ट्रीय गोधन महासंघद्वारा तैयार गाय के गोबर लॉग मशीन, गो कश्त सौंपा।
गाय के गोबर की लॉग मशीन का उपयोग गाय के गोबर पर आधारित ईंधन की लकड़ी को लंबे लॉग-जैसे आकार में बनाने के लिए किया जाता है।
'अर्थ' 2017 में इनेक्टस आईआईटी दिल्ली की मदद से आईआईटी के पूर्व छात्रों के एक समूह द्वारा शुरू किया गया एक उद्यम है। चार मशीनों के साथ, उन्होंने उत्तरी दिल्ली के बवाना में श्री कृष्ण गौशाला में गाय के गोबर को पहले सूखे गोबर के लट्ठे (लॉग)और फिर दीया, हवन के प्याले, राखी में बदलना शुरू किया।
मशीन का उपयोग और प्रभाव
गो काष्ट मशीन प्रतिदिन 3000 किलोग्राम गाय के गोबर को संसाधित कर 1500 किलोग्राम गाय के गोबर-आधारित लट्ठे का उत्पादन कर सकती है जिसे 5-7 शवों के दाह संस्कार के लिए जलाऊ लकड़ी के जगह इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे प्रत्येक श्मशान में लगभग 2 पेड़ बच सकते हैं।
यह गौशाला को हर महीने लगभग एक लाख 50 हजार से एक लाख 70 हजार किलोग्राम गोबर साफ करने में भी मदद कर सकता है।
गोबर आधारित लॉग मशीनों का उपयोग करने से गौशाला को उनकी अपशिष्ट प्रबंधन समस्याओं को पूरा करने में मदद मिल सकती है, अपने कर्मचारियों या आसपास के ग्रामीणों को रोजगार का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान कर सकते हैं और वनों की कटाई को कम करने में योगदान कर सकते हैं।
यह गैर-दूध देने वाली गायों को एक आर्थिक गतिविधि में शामिल करने में मदद करता है, गौशाला में सभी गायों को समर्थन देने के लिए धन उत्पन्न करता है।
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