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एनजीटी ने हरित उल्लंघन के लिए वेदांता के ओडिशा संयंत्र पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया



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राष्ट्रीय हरित अधिकरण(एनजीटी) ने अनिल अग्रवाल कीकंपनी वेदांता लिमिटेड पर ओडिशा के कालाहांडी जिले के लांजीगढ़ में अपने संयंत्र का विस्तार करके पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

पर्यावरण कार्यकर्ता प्रफुल्ल सामन्त्र द्वारा नवंबर 2015 में लांजीगढ़ में अपनी एल्यूमिना रिफाइनरी और कैप्टिव पावर प्लांट के विस्तार के लिए वेदांत को दी गई पर्यावरण मंजूरी के खिलाफ एनजीटी में एक मामला दर्ज किया गया था।

मामले की पृष्ठभूमि

वेदांता को सितंबर 2004 में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लांजीगढ़ में 75 मेगावाट कैप्टिव पावर प्लांट के साथ 1 मिलियन टन प्रति वर्ष एल्यूमिना रिफाइनरी के लिए पर्यावरण मंजूरी दी गई थी।
हालांकि कंपनी ने मंत्रालय की अनुमति के बिना संयंत्र की क्षमता 10 लाख टन सालाना से बढ़ाकर 60 लाख टन और कैप्टिव पावर प्लांट की क्षमता 75 मेगावॉट से बढ़ाकर 285 मेगावॉट कर दी थी ।
एनजीटी ने वेदांत कंपनी को पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना 2016 का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया, जिसने प्रदूषणकारी औद्योगिक संयंत्र के विस्तार से पहले पर्यावरण मंजूरी को आवश्यक बना दिया था।
प्रदूषक भुगतान करे का सिद्धांत को लागू करते हुए, एनजीटी ने कंपनी को एक महीने के भीतर ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 25 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।इस पैसे का इस्तेमाल ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पेड़ लगाने और पर्यावरण की बहाली के लिए किया जाएगा।
प्रदूषक भुगतान करे का सिद्धांत

इस सिद्धान्त का तात्पर्य है कि प्रदूषक पर्यावरण के नुकसान के लिये न केवल प्रदूषण के शिकार व्यक्ति को प्रतिकर देगा बल्कि उसे वह लागत भी वहन करनी होगी जो पर्यावरण को हुए नुकसान को पुनर्स्थापित करने में खर्च होगी। इस प्रकार इस सिद्धान्त के अन्तर्गत पर्यावरणीय क्षति को ठीक करने का दायित्व प्रदूषक का होता है।
भारत में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट 2010 की धारा 20 के अनुसार, ट्रिब्यूनल जब धरती को नुकसान पहुंचाए बिना संतुलित विकास के लिए कोई आदेश, पुरस्कार या निर्णय पारित करता है तब वह सतत विकास के सिद्धांतों,प्रदूषक भुगतान करे का सिद्धांत,और एहतियाती सिद्धांतों का का अनुपालन करेगा ।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल/राष्ट्रीय हरित अधिकरण

यह पर्यावरण संरक्षण और वन के संरक्षण से संबंधित मामलों का निपटारा करता है ।
इसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम 2010 के तहत 2010 में स्थापित किया गया था।
यह अधिकरण 1908 के नागरिक कार्यविधि के द्वारा दिए गए कार्यविधि से प्रतिबद्ध नहीं है लेकिन प्रकृतिक न्याय सिद्धांतों से निर्देशित होगा।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण का मुख्यालय : नई दिल्ली
भोपाल, पुणे, कोलकाता और चेन्नई में इसके बेंच हैं ।
अध्यक्ष: न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल
वेदांत ग्रुप

यह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसका मुख्यालय लंदन, इंग्लैंड में है।
वेदांत लिमिटेड, वेदांत रिसोर्सेज जो वेदांत समूह की होल्डिंग कंपनी है उसकी एक भारतीय सहायक कंपनी है।
यह जिंक-लीड-सिल्वर, आयरन ओर, स्टील, कॉपर, एल्युमिनियम, पावर, ऑयल और गैस के कारोबार में है।
वेदांत लिमिटेड का मुख्यालय: मुंबई
वेदांत ग्रुप के अध्यक्ष: अनिल अग्रवाल
परीक्षा के महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
NGT/एनजीटी: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल

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